Bhagat Singh Quotes

भगत सिंह महज 23 वर्ष की छोटी-सी उम्र में हंसते-हंसते देश के लिए फंसी के फंदे पर झूल गए। 

भगत सिंह ने यह कहते हुए घर छोड़ दिया था कि "अगर मेरा विवाह गुलाम भारत में हुआ, तो मेरी वधु केवल मृत्यु होगी"। 

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"सरफरोशी की तमन्ना अब हमारे दिल में है, देखना है जोर कितना बाजु-ए-कातिल में है."

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भगत सिंह ने सुखदेव के साथ मिलकर लाला लाजपत राय की मौत का बदला लेने के लिये जेम्स स्कॉट को मारने की योजना बनायी

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पहचानने में गलती होने के कारण उन्होंने ब्रिटिश पुलिस अधिकारी जेम्स स्कॉट की जगह जॉन सॉन्डर्स को गोली मार कर हत्या कर दी।

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भगत सिंह ने बटुकेश्वर दत्त के साथ मिलकर दिल्ली के सेंट्रल असेंबली हॉल में बम फेंकते हुये इंकलाब जिंदाबाद के नारे लगाए और खुद को गिरफ्तार होने दिया।

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जेल में भी भगत सिंह ने कैदियों के साथ अच्छा खाना एवं व्यवहार करने की मांग को लेकर 116 दिन की भूख हड़ताल भी की।

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भगत सिंह को 23 मार्च 1931 को शाम 7ः30 बजे फांसी की सजा दी गयी।

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भगत सिंह हंसते-हंसते फांसी पर चढ़ गए और “ब्रिटिश साम्राज्यवाद का नाश हो“ यह उनके द्वारा ब्रिटिशों के खिलाफ अंतिम नारा था।

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