Model Code of Conduct for Election 2024 ! आदर्श आचार संहिता क्या है?

Model Code of Conduct for Election 2024: चुनाव की तिथियों की घोषणा होते ही आदर्श आचार संहिता प्रभावी हो जाती है। चुनावी आदर्श आचार संहिता दिशा निर्देशों का एक प्रकार है‚ जो किसी चुनाव के दौरान उम्मीदवारों और राजनीतिक दलों के लिए भारत के चुनाव आयोग द्वारा जारी किया जाता है। यह दिशा निर्देश मुख्य रूप से भाषणों, मतदान केंद्रों, मतदान दिवस आचरण, चुनाव घोषणा पत्र, चुनावी रैली इत्यादि के संबंध में हैं।

आदर्श आचार संहिता के अंतर्गत क्या आता है? What is Model Code of Conduct for Election?

आदर्श आचार संहिता (Model Code of Conduct for Election) लागू होने के बाद सरकार आमतौर पर परियोजनाओं या सार्वजनिक पहलों के लिए कोई नई जमीन पेश नहीं करती है। चुनाव की प्रक्रिया के दौरान सरकारी निकायों को किसी भी भर्ती प्रक्रिया में भाग लेने से प्रतिबंधित किया जाता है। चुनाव लड़ने वाले उम्मीदवारों और उनके प्रचारकों को अपने प्रतिद्वंद्वी उम्मीदवारों के रोड शो की स्वतंत्रता में खलल नहीं डालना चाहिए। आचार संहिता इस पर प्रमुखता से नियंत्रण रखती है। चुनाव प्रचार रैलियों और रोड शो का असर सड़क यातायात और आम जनता पर नहीं पड़ना चाहिए।

आदर्श आचार संहिता के प्रमुख प्रावधान- Major provisions of Model Code of Conduct For Election

आदर्श आचार संहिता (Model Code of Conduct for Election) के तहत कुल आठ प्रमुख प्रावधानों का उल्लेख किया गया है।

सामान्य आचरण किसी भी गतिविधि के दौरान धार्मिक या सांप्रदायिक भावनाओं को प्रभावित नहीं किया जाना चाहिए विपक्षी राजनीतिक दल की आलोचना केवल उनकी पिछली नीतियों या कार्यों तक ही सीमित होनी चाहिए न कि व्यक्तिगत रूप से उनसे संबंधित पूजा स्थलों (मंदिर, मस्जिद, चर्च आदि) का उपयोग चुनाव प्रचार के लिए नहीं किया जाना चाहिए शांतिपूर्ण और निर्बाध घरेलू जीवन के प्रत्येक नागरिक के अधिकार का सम्मान किया जाएगा, और चुनाव प्रचार के लिए उपयोग किए जाने वाले किसी भी क्षेत्र का उपयोग केवल संबंधित व्यक्ति या संगठन से अनुमति लेने के बाद ही किया जाना चाहिए।

चुनाव घोषणापत्र – सुप्रीम कोर्ट ने 5 जुलाई 2013 के अपने फैसले में चुनाव आयोग को सभी मान्यता प्राप्त राजनीतिक दलों के परामर्श से चुनाव घोषणापत्र की सामग्री के संबंध में दिशानिर्देश तैयार करने का निर्देश दिया था। उपर्युक्त आदर्श आचार संहिता चुनाव आयोग द्वारा जारी की जाती है और देश में चुनाव की पूरी प्रक्रिया इसी एमसीसी के आधार पर की जाती है।

बैठकें – पार्टी या उम्मीदवार को बैठक के लिए प्रस्तावित स्थान और समय के बारे में स्थानीय पुलिस अधिकारियों को समय पर सूचित करना होगा ताकि पुलिस द्वारा कानून, व्यवस्था और शांति बनाए रखी जा सके।

जुलूस – स्थानीय पुलिस या संबंधित अधिकारियों को जुलूस के समय, स्थान और मार्ग के बारे में पहले से सूचित किया जाना चाहिए ताकि आवश्यक व्यवस्था की जा सके।

मतदान दिवस – शांतिपूर्ण चुनाव के लिए पार्टी या उम्मीदवार को मतदान शिविरों में अधिकारियों के साथ सहयोग करना चाहिए। मतदान शिविरों के बाहर कोई भी खाद्य पदार्थ या शराब नहीं परोसी जानी चाहिए

मतदान केंद्र – मतदान के दिन मतदान केंद्र के एक सौ मीटर की दूरी के भीतर वोटों के लिए प्रचार करना निषिद्ध है। मतदान के दिन मतदान केंद्र के आस-पास किसी भी तरह के हथियारों से लैस किसी भी व्यक्ति को हथियार ले जाने की अनुमति नहीं है। प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष रूप से परिवहन के लिए किसी भी प्रकार के वाहन द्वारा किसी भी मतदाता को मतदान केंद्र तक लाने ले जाने के लिए कोई भी व्यवस्था अपराध है।

पर्यवेक्षक – चुनाव आयोग पर्यवेक्षकों की नियुक्ति करता है। यदि उम्मीदवारों या उनके एजेंटों के पास चुनाव के संचालन के संबंध में कोई विशिष्ट शिकायत या समस्या है तो वे इसे पर्यवेक्षक के ध्यान में ला सकते हैं।

सत्ता में पार्टी – सत्ता में पार्टी चाहे केंद्र में हो या संबंधित राज्य में, यह सुनिश्चित करेगी कि किसी भी शिकायत का कोई कारण न दिया जाए कि उसने अपने चुनाव अभियान के प्रयोजनों के लिए अपनी आधिकारिक स्थिति का उपयोग किया है।

आदर्श आचार संहिता कितने दिनों तक लागू रहती है? For how long does the Model Code of Conduct for Election remain in force?

चुनाव आयोग द्वारा चुनाव तारीखों की घोषणा की तारीख से इसे लागू किया जाता है और यह चुनाव प्रक्रिया के पूर्ण होने तक लागू रहती है। लोकसभा चुनावों के दौरान आदर्श आचार संहिता (Model Code of Conduct for Election) पूरे देश में जबकि विधानसभा चुनावों के दौरान पूरे राज्य में लागू होती है।

सरकार के लिए क्या नियम होते हैं?

चुनाव के आयोजन से प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष रूप से जुड़े हुए सभी अधिकारियों या पदाधिकारियों के स्थानांतरण और तैनाती पर संपूर्ण प्रतिबंध होगा। यदि किसी अधिकारी का स्थानांतरण या तैनाती आवश्यक मानी जाती है तो पहले आयोग की अनुमति ली जाएगी।

मंत्रियों को अपना आधिकारिक वाहन केवल अपने आधिकारिक निवास से अपने कार्यालय तक शासकीय कार्यों के लिए ही मिलेगा। इसमें शर्त है कि इस प्रकार के सफर को किसी चुनाव प्रचार कार्य या राजनीतिक गतिविधि से न जोड़ा जाए।

सरकारी योजनाओं, निर्माण कार्य पर क्या नियम लागू होते हैं?

चुनाव के दौरान प्रिंट और इलेक्ट्रॉनिक मीडिया में सरकारी खर्चे  पर पार्टी की उपलब्धियों के संबंध में विज्ञापन और सरकारी जन-सम्पर्क निषेध होता है।

केंद्र या राज्य में सत्ताधारी पार्टी की उपब्धियों को प्रदर्शित करने वाले होर्डिंग या विज्ञापनों को सरकार खर्चे पर जारी नहीं रखा जाएगा। प्रदार्शित किए गए इस प्रकार के सभी होर्डिंग, विज्ञापन इत्यादि संबंधित जिला निर्वाचन अधिकारी द्वारा तुरंत हटा दिए जाएंगे। साथ ही अखबारों और इलेक्ट्रॉनिक मीडिया सहित अन्य मीडिया पर सरकारी राजकोष के खर्चें पर कोई विज्ञापन जारी नहीं होगा।

चुनावों की घोषणा से पूर्व जारी कार्य आदेश के संबंध में यदि क्षेत्र में कार्य शुरू नहीं किया गया है तो उसे शुरू नहीं किया जाएगा, लेकिन यदि कोई काम जारी है तो उसे जारी रखा जा सकता है। 

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